White हरियाणवी लोकगीत एक कहवै तो दूजा सुणले, बेकार लड़ाई ना होवै। इस तरियां जै सोचै सारे, लोग हंसाई ना होवै। दो गज खातिर भाई भाई, कितने मरगे लड़कै न कितन्यां के यैं ढूंड उजड़गे, झूठी ज़िद पै अडकै न दगा करणिया लालची माणस, अंत मरै सै सड़कै न भीतर भांडे भिड़ज्यां तै, ना बाहर जाणदयो खड़कै न। फेर राई का पहाड़ बणै , जै गात समाई ना होवै। इस तरियां जै सोचै सारे, लोग हंसाई ना होवै। ©Vijay Vidrohi हरियाणवी लोकगीत #my #new #poem #ragni #song #poetry #like #share #viral #Trending english translation in english in hindi poetry Sushant Singh Rajput hindi poetry on life Kalki Entrance examination