चातक बना फिर रहा, दो बूंदों से क्या होगा, भिगा दे आंगन ओ नीरद, कलियां भी हैं नीरस, इस ग्रीष्म में।। जलती धरती मन मेरा.. #मनमेरा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi