छुपा के नजरे मुझसे तुम कहां जाओगे, थोड़े दूर चलोगे और रुक जाओगे। और तुम जानना चाहते हो सब कुछ दिल का मेरे। जाने दो,सुनोगे तो टूट के बिखर जाओगे। यादों में तुम आते हो गर मैं केहदू, तुम रास्ता बदल के चले आओगे। दर्द,प्यार परवाह सब कुछ लिखता हु मैं, छोटा दिमाक तुम ये भी कहा समझ पाओगे। मैं अगर हर दर्द भी साझा करू तुमसे, तुम नासमझ,उन्हें भी खुरेद के चले जाओगे। और आखिर में कहूंगा, तुम मौसम हो मेरी जिंदगी का, तुम मौसम हो मेरी जिंदगी का, तुम रुकोगे नही,तुम भी चले जाओगे। ©khalikalam #लव #nasamajh #alone