Nojoto: Largest Storytelling Platform

इधर ये हाल की जीने का इख़्तेयार नहीं उधर वो हुस्न क

इधर ये हाल की जीने का इख़्तेयार नहीं
उधर वो हुस्न की आंखों पर ऐतवार नहीं
अब मैं किसी का भी उम्मीद तोड़ सकता हुँ
मुझे किसी पर भी अब कोई ऐतवार नहीं
तुम  प्यार को बेलतिज़ा बयान करते हो
खुदा का शुक्र करो की मैं बेईजाद नहीं 
मैं सोचता हूँ कि तुम दुखी न हो जाओ
ये दास्तान कोई ऐसी खुशगवार नहीं
हर कदम पे ठोकरे थी तुम्हारे इश्क़ में
पर इन्तेक़ाम में तुम्हरा कोई सरोकार नहीं
गिला भी मुझसे हीं करती है वो अमृतेश
जैसे इश्क़ में उसकेक हाथो का अजार नहीं #shritesh60 #adhurikahani #ektarfapyar #merahaq
इधर ये हाल की जीने का इख़्तेयार नहीं
उधर वो हुस्न की आंखों पर ऐतवार नहीं
अब मैं किसी का भी उम्मीद तोड़ सकता हुँ
मुझे किसी पर भी अब कोई ऐतवार नहीं
तुम  प्यार को बेलतिज़ा बयान करते हो
खुदा का शुक्र करो की मैं बेईजाद नहीं 
मैं सोचता हूँ कि तुम दुखी न हो जाओ
ये दास्तान कोई ऐसी खुशगवार नहीं
हर कदम पे ठोकरे थी तुम्हारे इश्क़ में
पर इन्तेक़ाम में तुम्हरा कोई सरोकार नहीं
गिला भी मुझसे हीं करती है वो अमृतेश
जैसे इश्क़ में उसकेक हाथो का अजार नहीं #shritesh60 #adhurikahani #ektarfapyar #merahaq