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कैसे कहूँ कोई लफ्ज़ भी साथ नहीं देता, कैसे कहूँ,

कैसे कहूँ 
कोई लफ्ज़ भी साथ नहीं देता, 
कैसे कहूँ, 
कि मेरी बेचैनियाँ, 
मेरी खामोशियाँ
मेरी तन्हा रातें
और उनमें बसी यादें
इनमें सिर्फ तुम्हारा नाम है
कैसे कहूँ कि तुम मेरी
पहली और आखिरी मुहब्बत हो।

©Aradhya's emotion
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