मासूम सी मैं और छोटी सी मेरी कहानी थाम कर जिनके हाथों को अपने पहले कदम का धरती पर छोड़ी थी निशानी.... वो वक़्त मुझे याद नहीं है लेकिन मैं आज उन लम्हों को मेहसूस कर सकती हूं आप कितने ख़ुश होते थे मुझे सुना कर हर रोज एक नई कहानी..... मैं जिद्दी और मेरी बातें अजीब सी होती थी मेरे सवाल अक्सर आपको सोचने पर मजबुर करती थी क्यू चला गया वो बचपन जब आप मुझे कंधों पर बैठा कर आंगन में घुमाया करते थे लौट आए फ़िर से एक बार वो जिंदगानी.... सिलसिला यादों का अब थमता नहीं है कुछ बातें अभी भी राज़ ही है वक़्त के साथ मैं बड़ी हो गई तो अब पता चला पापा जिंदगी में मेरे लिए आप कितना ख़ास हो उनके आंखों में साफ़ नज़र आती है मुझे जिंदगी की एक नई सफ़र सुहानी....... Father's day special #ybdidi #ybaba #ybabaquotes #ybquotes