बचपन और भूत बचपन में तो यारों हर लम्हा हर खेल सुहाना था पहन मुखौटा पलंग के नीचे खुद को छिपाना था बनकर होशियार डरने वाले के सामने आना सुन कर चीख उसकी खुद ही डर जाना था आमिल #बचपनऔरभूत