कब तक मौलिक अधिकारों के बल पर दुनिया में अपने अधिकार भुनाते रहेंगें धर्म, जाती, संप्रदाय के बल पर खूबसूरत वादियों को जलाते रहेंगे ©Anushi Ka Pitara #सोच #बदलने #कि #जरूरत #Rose