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लाखों रावण फिर रहे , लिये 'कुटिल' मुसकान ! इक पुतल

लाखों रावण फिर रहे , लिये 'कुटिल'
मुसकान ! इक पुतले का दाह कर क्यों करते
अभिमान ?! #raavan #nojoto #hindi
लाखों रावण फिर रहे , लिये 'कुटिल'
मुसकान ! इक पुतले का दाह कर क्यों करते
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