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मैं चल रही थी राहों पर अकेली कहीं तन्हा दूर कहीं स

मैं चल रही थी राहों पर अकेली कहीं तन्हा
दूर कहीं से दिख रहा था
बिखरा बिखरा सा है हर लम्हा 
जिंदगी को गुनगुनाने का सिलसिला शुरू हुआ
ख्वाबों से...
जब भी मैं उड़ने को आतुर, तो क्यों तुम उस फितूर  को कम आकती हो, ए जिंदगी...
ये ख्वाहिशें है या है बंदिशें क्यों समझ के परे है जिंदगी की ये तरंगे...
यू ना इतना इतराया कर ए जिंदगी
हर दौर में इतना ना आजमाया कर ए जिंदगी...
#waytosuccess

©Rupal Rajput #life #waytosuccess #deepfeelings #nojotoquote #nojotohindi
मैं चल रही थी राहों पर अकेली कहीं तन्हा
दूर कहीं से दिख रहा था
बिखरा बिखरा सा है हर लम्हा 
जिंदगी को गुनगुनाने का सिलसिला शुरू हुआ
ख्वाबों से...
जब भी मैं उड़ने को आतुर, तो क्यों तुम उस फितूर  को कम आकती हो, ए जिंदगी...
ये ख्वाहिशें है या है बंदिशें क्यों समझ के परे है जिंदगी की ये तरंगे...
यू ना इतना इतराया कर ए जिंदगी
हर दौर में इतना ना आजमाया कर ए जिंदगी...
#waytosuccess

©Rupal Rajput #life #waytosuccess #deepfeelings #nojotoquote #nojotohindi