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रात भी थी और साथ भी था। अब ना रात आती है ,ना तेरा

रात भी थी और साथ भी था।
अब ना रात आती है ,ना तेरा साथ।।
आज भी याद है मुझे ,रात की वें बातें,
कब रात से सुबह हो जाती,
 पता ही नहीं होता।।
पास नहीं थे हम, लेकिन दूरियां भी नहीं थी।
फिर क्यों.....गये तुम?

©Nishu Chandravanshi #अँधेरे
रात भी थी और साथ भी था।
अब ना रात आती है ,ना तेरा साथ।।
आज भी याद है मुझे ,रात की वें बातें,
कब रात से सुबह हो जाती,
 पता ही नहीं होता।।
पास नहीं थे हम, लेकिन दूरियां भी नहीं थी।
फिर क्यों.....गये तुम?

©Nishu Chandravanshi #अँधेरे