आओ हम और तुम हिन्दी के मंच पर अपनी मन बात शब्दों से सजाए , कल होगा आज की तरह प्यार का ये समन्दर की लहरों की तरह हिलोरे मारता ये हिन्दी मंच पता नहीं कल हम तुम्हारे संग रहे ना रहे , आओ आज प्यार के गीत गुन गुनाए..
कल कौन होगा इस के फूलो की महती दुनिया में ये तो रब जाने..
कोशिश करें हम साथ हमारा फिर महक जाए ॥ #कविता