कभी सोचा नहीं था मेरी आशिकी की हद ना पुछना किस क़दर मोहाब्बत की है मेने, सोच के गैराई मे डुब जाओगे तुम इस हद तक दिल्लगी की है मेने। ना तुमसे कोई सवाल करतें है, ना ही तुमसे कोई जवाब मांगते हैं। करो तुम भी किसी से बेपनाह मोहब्बत, बस सजदेह मे इतना ही मांगते हैं।