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तुम उम्मीद की सूरज देखते हो, मै नाउम्मीदी की शाम द

तुम उम्मीद की सूरज देखते हो,
मै नाउम्मीदी की शाम देखती हूं।
बड़ा फर्क है हम दोनों के जीवन में,
तुम उन्मुक्त हो 
और मै खुद में ही उलझी रहती हूं।

©ChandraVilash Kachwahe
  दिल की बात

#दिल #बाते #उम्मीद #नाउम्मीदी