चाहें जितने षडयंत्र रच लो, मनगढंत कहानिया गढ लो, संभा को दिलो से हटाओगे कैसे... जो नसो में बहता हुआ, लहू उबाल मारता है क्षण क्षण, वो इतिहास तुम मिटाओगे कैसे... संभा एक भाव है, शाश्वत विचारधारा है, बलिदान की गौरवगाथा है, स्वाभिमान की रवानी है... 🙏 ऐसे अमर्त्य भाव को उनके पुण्यतिथि पर शत-शत नमन🙏 ©Ashish Deshmukh #संभाजीमहाराज #संभाजीराजे