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नीले श्याह समंदर देखें जाने कितने मंजर देखें जीव

नीले श्याह समंदर देखें
 जाने कितने मंजर देखें 
जीवन की दुर्गम राहों पर
 मुस्कानों में खंजर देखें 
मन पथिक रहा सब निहार
कंठ हलाहल उतार
 है कर्म कि रंजिशें या वक्त की साजिश हर शख्स लिए खड़ा है आतिश 
या तो बुझेगी यह आग तेरी रहमतों से या फिर इस तपीश से यह शहर झूलसेगा

©manav raj(मानव) #manjara

#together
नीले श्याह समंदर देखें
 जाने कितने मंजर देखें 
जीवन की दुर्गम राहों पर
 मुस्कानों में खंजर देखें 
मन पथिक रहा सब निहार
कंठ हलाहल उतार
 है कर्म कि रंजिशें या वक्त की साजिश हर शख्स लिए खड़ा है आतिश 
या तो बुझेगी यह आग तेरी रहमतों से या फिर इस तपीश से यह शहर झूलसेगा

©manav raj(मानव) #manjara

#together