ख़ूबसूरत है ये ज़िंदगी जानेमन हसीं लम्हों को यूँ ना बेकार कर छुप छुप कर यूँ ना मुझपे वार कर गर है मोहब्बत तो स्वीकार कर..! निग़ाहों के तीर से यूँ मुझे ना बेक़रार कर हाँ कर के तू मेरी ज़िंदगी को गुलज़ार कर ♥️ Challenge-604 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।