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जब उगता है क़लम का सूरज अल्फाजों में चमक सी आ जाती

जब उगता है क़लम का सूरज अल्फाजों में चमक सी आ जाती है,
दिल की भावनाओं और एहसासों की तस्वीर उभरने लग जाती है।

जो बातें हम जुबाँ से कह नहीं पाते क़लम उसे लिखकर बता देती है,
लिखते लिखते बीती यादें दिल में सोए एहसास जगाने लग जाती है।

एक बार क़लम थाम लो तो लफ़्ज़ों को सजाने का हुनर आ जाता है,
क़लम का साथ छोड़े से भी छूटता नहीं है दिल को आदत लग जाती है। ♥️ Challenge-674 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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जब उगता है क़लम का सूरज अल्फाजों में चमक सी आ जाती है,
दिल की भावनाओं और एहसासों की तस्वीर उभरने लग जाती है।

जो बातें हम जुबाँ से कह नहीं पाते क़लम उसे लिखकर बता देती है,
लिखते लिखते बीती यादें दिल में सोए एहसास जगाने लग जाती है।

एक बार क़लम थाम लो तो लफ़्ज़ों को सजाने का हुनर आ जाता है,
क़लम का साथ छोड़े से भी छूटता नहीं है दिल को आदत लग जाती है। ♥️ Challenge-674 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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