वो नंगे बदन रहता है, ठिठुर-ठिठुर ठंड सहता है, वो फ

वो नंगे बदन रहता है, ठिठुर-ठिठुर ठंड सहता है,
वो फुटपाथ पर ही रहता है, गरीब का वो बच्चा है।

हम सोते है रजाई गद्दे में, फिर भी हमें ठंड लगता है,
वो रहता है माँ के पतले आंचल में, उसे वही सुकून मिलता है।

न करता जिद्द महँगे खिलौनों का, वो हर परिस्थिति को समझता है।
मार कितनी ख्वाहिशें वो, खुद वो कितना बहलता है!

वो मुफ़्त का न खाता है, वो रोज कुछ कमाता है,
वो रोज जंग लड़ता है, पर कभी नहीं वो डरता है।

मात दे हर मुश्किलों को, खुद मजबूत वो बनता है,
खाकर कितनी ठोकरें वो! अपनी खुशियों को संजोता है।

छोटी-सी ही उम्र में वो, क्या कुछ नहीं कर जाता है,
वो जिंदगी से लड़ता, औऱ हमें कितनी सच्ची प्रेरणा दे जाता है!

©Alpana Sharma #poor #childlabour #povertyinindia #poverty  Ajay Kumar  N.B Mia ❤ khan saad  Mr.Singh ( Lyricist )
वो नंगे बदन रहता है, ठिठुर-ठिठुर ठंड सहता है,
वो फुटपाथ पर ही रहता है, गरीब का वो बच्चा है।

हम सोते है रजाई गद्दे में, फिर भी हमें ठंड लगता है,
वो रहता है माँ के पतले आंचल में, उसे वही सुकून मिलता है।

न करता जिद्द महँगे खिलौनों का, वो हर परिस्थिति को समझता है।
मार कितनी ख्वाहिशें वो, खुद वो कितना बहलता है!

वो मुफ़्त का न खाता है, वो रोज कुछ कमाता है,
वो रोज जंग लड़ता है, पर कभी नहीं वो डरता है।

मात दे हर मुश्किलों को, खुद मजबूत वो बनता है,
खाकर कितनी ठोकरें वो! अपनी खुशियों को संजोता है।

छोटी-सी ही उम्र में वो, क्या कुछ नहीं कर जाता है,
वो जिंदगी से लड़ता, औऱ हमें कितनी सच्ची प्रेरणा दे जाता है!

©Alpana Sharma #poor #childlabour #povertyinindia #poverty  Ajay Kumar  N.B Mia ❤ khan saad  Mr.Singh ( Lyricist )