खुद से खुद का बाबस्ता (अनुशीर्षक में पढ़ें) खुद से खुद का बाबस्ता सबकी परवाह की इतनी खुद को हम भूल गए चल पड़े इक ऐसी राह पर खुद के घर का पता भी भूल गए अपने दिल को इस कदर मारा