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"बेताब क्यों बैठे हो" लिए अश्क़ निगाहों में बेताब

"बेताब क्यों बैठे हो"

लिए अश्क़ निगाहों में बेताब क्यों बैठे हो 
कुछ अर्ज़ करो ऐसे बेजुबान क्यों बैठे हो 
ये इश्क़ की रुसवाई है या बेवफ़ाई का इल्जाम लिए बैठे हो 
,
देख उनके हुस्न को जो आप हुए थे फ़ना
आज सब जानकर वो हो रही उनपे अना
उन्हें तो सिर्फ जुगनु सा रहने की आदत है ,
यार तो आफताब है तुझसे तो सारे जहाँ की इबादत है 


भूल उनके साथ बितए सुर्ख लम्हो को ,अब कुछ पल अपने भी नाम करो 
उठा कलम और कागज़ कुछ नज्म ,गज़ल उनके भी नाम करो 
लिए अश्क़ निगाहो में बेताब क्यों बैठे हो ,कुछ अर्ज़ करो ऐसे बेजुबान क्यों  बैठें हो ।
                  
                                                       - सुमित कृष्णवंशी "लिए अश्क़ निगाहों में बेताब क्यों बैठे "
#poetylovers
#poetrylearners
#poetryoftheday 
#@sumitquotesdiary
#love
#nazm
"बेताब क्यों बैठे हो"

लिए अश्क़ निगाहों में बेताब क्यों बैठे हो 
कुछ अर्ज़ करो ऐसे बेजुबान क्यों बैठे हो 
ये इश्क़ की रुसवाई है या बेवफ़ाई का इल्जाम लिए बैठे हो 
,
देख उनके हुस्न को जो आप हुए थे फ़ना
आज सब जानकर वो हो रही उनपे अना
उन्हें तो सिर्फ जुगनु सा रहने की आदत है ,
यार तो आफताब है तुझसे तो सारे जहाँ की इबादत है 


भूल उनके साथ बितए सुर्ख लम्हो को ,अब कुछ पल अपने भी नाम करो 
उठा कलम और कागज़ कुछ नज्म ,गज़ल उनके भी नाम करो 
लिए अश्क़ निगाहो में बेताब क्यों बैठे हो ,कुछ अर्ज़ करो ऐसे बेजुबान क्यों  बैठें हो ।
                  
                                                       - सुमित कृष्णवंशी "लिए अश्क़ निगाहों में बेताब क्यों बैठे "
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