हाँ पता है मुझे, कुछ ख्वाब थे तुम्हारे, कुछ अरमान थे तुम्हारे, जो आज भी अधूरे रह गए है
तुम जो साथ रहती तो उन्हें भी पूरे कर दिखता न मैं
हाँ पता है मुझे......
दिल है, आईना नही, मान लो ये बात तुम भी, तभी तो टूट कर जुड़ जाया करता है वरना बिखर जाता न कहीं
बस तुम जरा ठहर जाती तो फिर मुस्कुरा कर दिखाता न मैं
हाँ पता है मुझे......