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सब मुझे ही घूरते क्यूँ नजर आते हैं अपनी नजरों में

सब मुझे ही घूरते क्यूँ नजर आते हैं
अपनी नजरों में मेरा कसूर क्या है

उड़ते हुए सब पंख जो समझ लेते लोग
मेरी तबियत में उनका जूनून क्या है इस तरह के हो रहे शर्मनाक हादसों ने
मुझे व्यथित कर दिया है कि इससे उबर 
पाने की कोशिश नाकाम सी हो रही है,,
संवेदना भावनाओं को उद्वलित कर रही हैं!
मेरी भी बेटी है डर और आशंकाए निराधार नहीं है,,,,,,
कहाँ तक साथ रहूंगा,,,,,,,
इसका हल निकलना चाहिये नही तो
स्वप्नों की उड़ान कुंठा को घेर लेगी🧚🙏
सब मुझे ही घूरते क्यूँ नजर आते हैं
अपनी नजरों में मेरा कसूर क्या है

उड़ते हुए सब पंख जो समझ लेते लोग
मेरी तबियत में उनका जूनून क्या है इस तरह के हो रहे शर्मनाक हादसों ने
मुझे व्यथित कर दिया है कि इससे उबर 
पाने की कोशिश नाकाम सी हो रही है,,
संवेदना भावनाओं को उद्वलित कर रही हैं!
मेरी भी बेटी है डर और आशंकाए निराधार नहीं है,,,,,,
कहाँ तक साथ रहूंगा,,,,,,,
इसका हल निकलना चाहिये नही तो
स्वप्नों की उड़ान कुंठा को घेर लेगी🧚🙏

इस तरह के हो रहे शर्मनाक हादसों ने मुझे व्यथित कर दिया है कि इससे उबर पाने की कोशिश नाकाम सी हो रही है,, संवेदना भावनाओं को उद्वलित कर रही हैं! मेरी भी बेटी है डर और आशंकाए निराधार नहीं है,,,,,, कहाँ तक साथ रहूंगा,,,,,,, इसका हल निकलना चाहिये नही तो स्वप्नों की उड़ान कुंठा को घेर लेगी🧚🙏 #yqdidi #yqbhaijan #YourQuoteAndMine #शख्स #इज्जत #yqzindagi #bestyqhindiquotes #kumarrameshrahi