ये सफर-ए-जिंदगी अब न जाने कहां लेकर जाए, कहीं भी जाए पर अब कुछ देकर जाए। उधार-उधार अब बहुत हो चुका, अब इस व्यापार में सिर्फ नगद देकर जाए। -मृत्युंजय #_Please #Follow #Me on #_NOZOTO