एक चुनाव भारी है दिग्गजों की तैयारी है कोई सन्तुष्ट नहीं पता नहीं किसकी बारी है। पिछले भरोसे का जोड़-तोड़ फिर से नव निर्मित गठजोड़ खेल की यह अविरल पारी है जनार्दन रह गया अनाड़ी है। जिसको जो चाहे, मिलता है विकास के तर्ज पर निज फलता है अनेक को जाती की समझदारी है स्थानीय समझ की फौजदारी है। नेता चुनाव जीतने का उल्लास मनाते हैं कार्यकर्ता नेता को विजय बनाते हैं विजय गणित बाजी मार जाती है बहुमत और विजय के मध्य जनता आंदोलनकारी है। प्रतिनिधि चुनाव को युद्ध बताते हैं कार्यकर्ता सिपाही बन सब उचित ठहराते हैं सफेद और खाखी का खीसा सम्मति से भरती है बहुमत उत्थान से भिन्न होकर सरकारी है। नेता दबंगों की श्रेणी होती जा रही है नागरिक की मूलता खोती जा रही है स्थानीय मुद्दे भ्रष्टाचार के इर्दगिर्द फंसा है विकासशील लोकतंत्र व्याभिचारी है। चुनाव के हर आयाम में बहुमत की हलचल है। धन्यवाद! Priyanshi Lehar #collabgirl_archu #priyanshilehar #विप्रणु #musings #micellaneous