तुम मेरी शायरी में रहती हो, कितनी प्यारी लड़कीं हो , मेरी बात तो करती हो हाथ पकड़ने से क्यू डरती हो, मैं तो जीता हु तुम में , तुम किस पर मरती हो, लोगो का काम है बता करना तुम क्यू उन पर गौर करती हो, क्या रिश्ता हैं तुम्हारा मुझ से , बताने से क्यू डरती हो, अनुभव और बदल जाए, तुम भी हद ही करती हो,