सपनों का एक झरोखा मैने यूँ बनाया है किसी और को परखने से परे..... ,मुझे खुद को समझना भाया है अपने सपने,अपनी आशा,में ही मन रमाया है एक भीड़ का हिस्सा बनने से परे... अपने झूले में मैनें नभ समाया है झरोखा