यह कविता उन गरीब बच्चों को समर्पित है जो बच्चे अक्सर रास्ते में सड़कों पर कूड़ा बीनते घूमते दिखाई देते हैं लोग उनकी भावनाओं को समझ नहीं पाते आप सभी से मेरा निवेदन है कि ऐसे बच्चों को प्यार दें और हो सके तो भटके बच्चों को उनके घरों तक उनके माता-पिता तक पहुंचा दें