जब कोई व्यक्ति का देहांत होता है तो लोग कहते हैं कि अमुक आत्मा को शान्ति मिले, बैकुंठ में वास मिले। इसका मतलब यह हुवा कि जो भी मनुष्य हैं, वे सब आत्माएं हैं। आत्माएं अपने अपने संस्कार के आधार पर स्त्री पुरुष के रूप में मनुष्य शरीर धारण करते हैं। मनुष्यकृत समाज और संस्कृति में जन्म और मरण को प्राप्त करते हैं। परन्तु आत्मा का मूल अनादि रूप भूल जाते हैं तब आत्मा मनुष्य रूप में दुःख को पाता है। जब कि हर आत्मा को सुख और शान्ति की चाहना रहती है। इसलिए अपने अनादि रूप आत्मिक स्मृति में हमेशा रहें। ©KHEMRAJ RAI #gyanmoti #gyanmurli