कि तेरे रुखसार की कभी धूप नही ढलने दूंगा, दर दर पसीना बहाउंगा पर तुझे कोहिनूर बना दूंगा। जमाने से लड़ जाऊंगा मैं, सिर्फ तुम्हारी खातिर, मैं तेरी खुशियों की कभी शाम नही होने दूंगा। कुछ ख्वाहिशें... तुम्हारे लिए कुछ कर गुजरने कि.. #मैं_शायर_तो_नहीं_मगर #मैं_और_आप #में_ओर_मेरी_जान #विश्वास #यादें