सुलगती पेट की आग दिखाए किसे दो वक्त की रोटी नहीं हाल सुनाए किसे इस पैसो के बाजार में बदल चुकी है हर रिश्तों की तहज़ीब ये किस्सा सुनाए किसे आजकल दिखावे का दौर इतना है यारों जिन्दगी कितनी कश्मकश में सुनाए किसे अपने ही छोड़ गये मुफलिसी भरी वादियों में बेमिसाल निकला अपना ही खून सुनाए किसे सुनने वाला बैठा है कौन यहाँ पर Queen" खुशियाँ खेलती आँख_मिचौली दिखाए किसे !! #गरीबी #हालात #अपने #तहजीब #इंसान #squeen #poetry #जज़्बात