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इंसान की अपने इंसान पे ही, नज़र कुछ इस क़दर है,,

इंसान की अपने इंसान पे ही, नज़र कुछ इस क़दर है,,

कि पैगंबर चाहा कर भी अब ईधर नहीं आने वाला ,,

ऐसे मदहोश है कि धूल तक निचोड़ेंगे कल ये ,, 
 
कोई दरिया इनकी प्यास नहीं बुझाने वाला।।

-Ruhaan maurya #MyThoughts #shayri #qoutes #Myqoutes #MyShayari #Life #Human 

#citylife
इंसान की अपने इंसान पे ही, नज़र कुछ इस क़दर है,,

कि पैगंबर चाहा कर भी अब ईधर नहीं आने वाला ,,

ऐसे मदहोश है कि धूल तक निचोड़ेंगे कल ये ,, 
 
कोई दरिया इनकी प्यास नहीं बुझाने वाला।।

-Ruhaan maurya #MyThoughts #shayri #qoutes #Myqoutes #MyShayari #Life #Human 

#citylife