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मातु शारदे आपसे, माँगू थोड़ा ज्ञान। देवी वीणा धा



मातु शारदे  आपसे, माँगू थोड़ा ज्ञान।
देवी वीणा धारिणी, दे दो माता दान।।

देवी माँ पद्मासना, आओ हंस सवार।
छूलो मेरे हाथ को , हो मेरा उद्धार।

मातु शारदे आइए,  श्वेत हंस सवार।
श्वेत वस्त्र माँ धारिणी, श्वेत पुष्प गल हार।।

कमल नयनि माँ कामदा, आसन कमल विराज ।
चतुर्भुजी माँ शारदे, सकल सँवारो काज।।

कर सुदृढ़ माँ लेखनी, भर विद्या भंडार।
हो मुखरित सुर ताल सब , कर दो माँ उपकार।।

निर्मल कर दो भाव को, रसना रस की धार।
मधुरिम शुभ्र प्रकाश सा, चमके हृदय किवाड़।।

झोली भर दो कृपा से, बालक करे पुकार।
कच्चा कलश कुम्हार का, आया तेरे  द्वार।।

वसंत पँचमी आ रही, हरषे ऋतु  अति जोर।
पीली गेंदे की कली, महक उठी सब ओर।।

स्नेहलता पाण्डेय 'स्नेह'

©Sneh Lata Pandey 'sneh'
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