तेरे होने का जो दावा करती तुझसे ही जो थी सुधरती मेरे माथे की टेढ़ी बिंदी आज ये हिसाब कर बैठी कि मेरे गर्दन पर तेरे निशां छलावा था तेरा मेरा हमदम होना तो प्यार की चाहत में क्यूँ मैं ये गुनाह कर बैठी ? मेरी आँखों का काजल मेरी दबी सी मुस्कराहट आज ये सवाल कर बैठी।। झूठ था तेरा मेरा हाथ थामना मजाक था तेरा मेरे कदमों के साथ चलना तो राह ओ राही की चाहत में क्यूँ मैं ये गुनाह कर बैठी ? मेरी पैरों की पायल मुझसे ही खफा हो आज ये बवाल कर बैठी।। #brokenheart #lifeafterlove