वक्त की बंद मुट्ठी में छिपा राज़ कोई गहरा है जिंदगी के कुछ सवालों पर नसीब का पहरा है मँज़िले भी उसकी हैं रास्ता भी तेरा है मैं भटका हुआ कोई पंछी हूँ आकाश बस मेरा है... Challenge-147 #collabwithकोराकाग़ज़ 30 शब्दों में अपनी रचना लिखिए :) #आकाशमेराहै #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️