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निकलने को घर से फिर रोज जैसे दरवाजे तक मेरे साथ व

निकलने को घर से फिर रोज जैसे 
दरवाजे तक मेरे साथ वो आए

निकलने से पहले, कुछ भूल गये हो बोल के 
अपनी बाँहों में ले मुझे अचानक वो चूम जाये

ऐसी जीवन संगिनी मिलने पर सोचो ना कैसा 
मेरा हर एक दिन बन जायेगा #दिन बन जायेगा 
part3
निकलने को घर से फिर रोज जैसे 
दरवाजे तक मेरे साथ वो आए

निकलने से पहले, कुछ भूल गये हो बोल के 
अपनी बाँहों में ले मुझे अचानक वो चूम जाये

ऐसी जीवन संगिनी मिलने पर सोचो ना कैसा 
मेरा हर एक दिन बन जायेगा #दिन बन जायेगा 
part3