सूरज मामू ने कहा.. चंदा मामा से.. मेरे बिना ना सुबह है.. ना मेरे बिना रात है.. तब चंदा मामा ने मुस्कुराते हुए कहा की.. हे सूरज मामू.. तुम जो बोल रहें हो सच है मगर.. तुम्हें भी ग्रहण लगता है.. मुझे भी लगता है.. तब दोनों का दर्द एक ही है.. दोनों के अपनी -अपनी अहमियत है.. ना मेरे बिना तुम हो.. ना तुम्हारे बिना मैं.. सोचो.. अगर रात में.. मैं नहीं होता तो.. ये दुनिया पूर्ण अंधकार में होता.. तुम हो तो मैं हु..यकीनन.. मगर.. मुझे भी आज तुम्हारे.. साथ साथ नाव ग्रहों में.. मेरा भी स्थान है..! -lalithasai सूरज मामू ने कहा.. चंदा मामा से.. मेरे बिना ना सुबह है.. ना मेरे बिना रात है.. तब चंदा मामा ने हस कर बोला.. हे सूरज मामू.. तुम जो बोल रहें हो सच है मगर.. तुम्हें भी ग्रहण लगता है..