हिज़्र के इस आलम में मैं जल रही हूं ज़रा ज़रा टूटी हूं तेरी चाहत में मैं पिघल रही हूं ज़रा ज़रा । मेरे यार मैं गिरती दीवार हूं दे सहारा बाहों का तेरी आरज़ू तेरा प्यार हूं मुझे चूम ले ज़रा ज़रा । मेरी रूह को करार दे तू मुझे प्यार दे बेशुमार दे ये दूरियां मिटा भी दे तू मेरे पास आ ज़रा ज़रा । ये उन दिनों की बात है मदहोश थे मोहब्बत में सब अब भी मुझको याद है तू भूल रहा ज़रा ज़रा ।। तेरे लौट आने का मुझे दिखता नहीं कोई रास्ता, पर दिल मेरा नदान है इसे उम्मीद है ज़रा ज़रा ।। ©Arzooo 😍😍 #Zarazara #mypoetry #nojoto2021 #nojotohindi