राहे जहाँ तक जाएगी राहगीर वहां तक जाएगा तुम दरिया से क्या पुछ ते हो नीर कहाँ तक जाएगा। अरे खिंच धनुष की डोर निशाना साध अपनी मंजिल का बाद में देखें गे के तीर कहाँ तक जाये गा।। ए्क्स,आर्मी ©Krishana Kant Sinha #safarnama