*नई -कविता* *शीर्षक- राजनीति की चतुराई* *दिनांक- 12/ 3 2021* राजनीति में ता-ता थैया, आग लगी है देखो भाई... राम के सम्मुख दुर्गा आई, जनता में फिर हुई लड़ाई. कोबराबनकर कोई चीखे, राजनीति में सब है बीके... यह कलयुग है भाई, राजनीति ki कैसी चतुराई..? *Purushottam Rajput* ©Purushottam Rajput राजनीति और बंगाल चुनाव ##