दुनियां की शर्तों ने समझदार बना दिया जो हसरतें अधूरी रह गई उन्होंने कलाकार बना दिया! कुछ वक्त ने सितम किया कुछ अपनो की बातें दर्द बन गई और यह खुशमिज़ाज सी ज़िंदगी , जिंदगी की कशमकश समझते – समझते न जाने कब हमदर्द बन गई। ©मनु हमदर्द #Manu_Humdard #BookLife