किसी के प्रेम में होना तुम्हें कमजोर कर जाता है उस पर निर्भर कर जाता है,,, उसके ना होने या उसके चले जाने के बाद तुम असहाय बिखरे हुए टूटे से नजर आते हो,,, खुद से कई सवाल पूछते हो,, क्यों हम,,संपूर्ण होते हुए किसी और पर आश्रित हो गए,,, प्रेम अगर सबसे बड़ी ताकत है तो उसके विपरीत सबसे बड़ी कमजोरी भी है,,, यह तो तय है शाश्वत पृथ्वी में कुछ भी नहीं सब कुछ अस्थिर है,, मानव!! मानव से जुड़ी भावनाएं,, जो तुम्हें चरम एहसासों की अनुभूति कराती है