Red sands and spectacular sandstone rock formations असक्षम और अयोग्य आदमियों का खून खींचकर खड़े हुए हो शिखर पर मेरी कविता कहती है, i सिर्फ़ सच से सबकुछ करके दिखाओ हासिल हिम्मत हो तो! लाखों लाशों के पहाड़ पर सफलता की चादर बिछाकर पाते हो अगर आदर।" अत्यधिक अनादर के पश्चात् तुम सब सादर आमंत्रित हो मेरी कविता में, उस कविता में, जो सब का रिकॉर्ड रखती है, जो रब का रिकॉर्ड रखती है। तुम कहते हो जिन गरीबों को गंदा, जिस दिन उन्होंने छोड़ दिया देना चंदा, उस दिन न रात ढलेगी, न सुबह चलेगी, न ही दिन ढलेगा, तब तुम्हें रोज़-रोज़ रोड का रेट पता चलेगा। आवश्यक नहीं कि केवल देश को चलानेवाला ही है सरकार इसलिए करने लगे जब कोई सरकार अहंकार तो याद दिलाओ उन टैक्सों के टोटल को जिससे वह हुई है सफल। क्योंकि चंदे से चांद बनता है कोई, कोई समर्थनों से सितारा क्या हुआ यदि कोई हारा! इसके बाद किसी ने मेरे विरुद्ध यदि किया कमेंट वाला युद्ध तो मैं सिर्फ़ समझूंगा "कि कमियों को कवर करने को ऐसा किया जा रहा है।" ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #समर्थनों_से_सितारा