मैं तुझपे अपना सबकुछ लुटा दूंगा आजकल तो हसीनाएँ करती हैं, उनसे ही मोहब्बत, जो कहते हैं, मैं तुझपे अपना सबकुछ लुटा दूंगा । एक बार जो तू अगर, हाँ कह दे......... , सारे जहाँ की खुशियाँ, तेरे कदमों में ला दूंगा । इसके लिए चाहे जो भी, करना पड़े मुझको, तेरे दिल में, मैं अपना आशियाना बना लूँगा । यही सब करके मैं तेरे, चंचल मन को लुभा लूँगा, तुझे अपना बनाकर मैं, इस दिल में सजा लूँगा । ऐसी हसीनाओं के, चक्कर में ना पड़ना कभी, नहीं तो बर्बाद हो जाओगे, तुम अभी के अभी । ये ना छोड़ेंगी तुम्हें, कहीं का भी एक दिन, लूटेंगी रात दिन तुम्हें, कुछ अभी तो कुछ कभी । कीमती वक्त को ना कभी भी, बर्बाद करना चाहिए, ऐसी बेवफ़ाओं के चक्कर में, हमें नहीं पड़ना चाहिए । जो आएँ आपके करीब ये, पहले ही संभल जाइये, खुद को इनसे बचाईये, जीवन को सफल बनाईये । - Devendra Kumar (देवेंद्र कुमार) # मैं तुझपे अपना सबकुछ लुटा दूंगा