किसी बरसात में वो नजर आता है भींगे बूंदों की तरह, मैं हिस्सों को बांट देता हूं जो भी बाकी है दिल में , जितनी भी वफाएं कर लो एक इश्क आखिरी होता है, जैसे एक लहर का निशान रह जाता है साहिल में, कुछ मौसम और गुजरते है और मिजाज संगीन होता है, कभी हसरतों का छुप जाना तो कभी ख्वाब रंगीन होता है, और आंसुओं की खता है ये की राज़ भी बन जाते है, रात को अपना लेते है और पराया यहां दिन होता है। ©Abhiraj Kumar आंसुओं की ख्वाइश। #grey