Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat जो आवाज़ कानों में मिश्री सी घुल जाती थी आज वहीं आवाज़ अनसुनी सी हो जाती हैं सुनने बेगैर नीद नहीं आती थी अब आवाज़ सुन कर बेचैनी होती हैं कुछ आवाजे सुकून ए ज़िन्दगी बन जाती थी अब वहीं आवाजे गम ए तबाही सी लगती हैं 🎀 Challenge-397 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए।