न जाने ये कैसा इश्क कर बैठे हैं तुम्हें पाने की जिद में हम खुद को ही खो बैठे हैं न जाने ये कैसा वादा कर बैठे हैं तुम्हें हंसाने की कोशिश में हम खुद ही मुस्कुराना भूल बैठे हैं इश्क ए मुकम्मल न जाने ये क्या कर बैठे हैं तुम्हारी नजरों में हम ही बेवफा सनम हो बैठे हैं! ©Mamta Negi ना जाने ये क्या कर बैठे है