मन के माहौल मे आस्मां-ए-सावन ढूंढ़ते हो, कुछ सूखे पत्ते और कुछ हरी वो मुस्कान भी ढूंढ़ते हो.. समझ से परे मुलाक़ात ढूंढ़ते हो, कुछ कड़क मीठी यादें और कुछ तन्हाई का सामान भी ढूंढ़ते हो.. बचपन वाली वो "शक्कर-रोटी" ढूंढ़ते हो, कुछ बड़ो वाला वो "पिज़्ज़ा" और कुछ बड़प्पन का अभिमान भी ढूंढ़ते हो.. जहाँ मे सारे प्रेम का आयाम ढूंढ़ते हो, कुछ खुद मे सुकून और कुछ उम्मीदों का पहाड़ भी ढूंढ़ते हो.. आँखों मे उन हर वो सवाल का जवाब ढूंढ़ते हो, कुछ जवाबों मे सवाल और कुछ सवालों मे पूरा ब्रम्हांड भी ढूंढ़ते हो.. याद किसी की बन जाने का ख़याल ढूंढ़ते हो, कुछ "रुकावटों मे खेद" और कुछ मन को कोसने के बहाने हज़ार ढूंढ़ते हो.. मन मेरे क्या क्या ढूंढ़ते हो? #मन_के_मौसम #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqhindi