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चाँद सी तुम,मैं काली घनी रात सा..! मरहम सी तुम,मैं

चाँद सी तुम,मैं काली घनी रात सा..!
मरहम सी तुम,मैं ज़ख़्मों पे आघात सा..!
कई ख़ूबियाँ तुम में,मुझमें ख़ामियों का भण्डार है..!
कोमल हसीं तुम प्रत्येक की नज़रों में,मैं ज़माने में बदजात सा..!

©SHIVA KANT(Shayar) #Happychocolateday #chandsitum