.. था पिरोया सलीके में मुअज्जम मुकर्रर, कदर न रहा हो न सही मगर इश्क़ था..! ..🌱 खुशामदीद..💞 (मुअज्जम माने, प्रतिष्ठित, श्रेष्ठ और मुकर्रर माने, नियत या निश्चित)